Goa Night Club Case: Thailand से लौटते ही Luthra Brothers Arrest

शकील सैफी
शकील सैफी

गोवा के नाइट क्लब में लगी आग ने 25 जिंदगियों को लील लिया, लेकिन इस कहानी का दूसरा एंगल उससे भी ज्यादा सनसनीखेज है।
आग के कुछ ही घंटों बाद लूथरा ब्रदर्स ने “Stay and Explain” की बजाय “Fly and Escape” स्ट्रेटजी अपनाई और सीधे थाईलैंड निकल गए।
सोचा था कि समंदर, होटल और छुट्टियां सब कुछ ठंडा कर देंगी—लेकिन कानून की आंच ज्यादा तेज निकली।

Delhi Airport पर ही टूट गया Escape Dream

Thailand से भारत लौटते ही जैसे ही फ्लाइट ने Delhi Airport पर लैंड किया, पुलिस ने दोनों भाइयों को formally arrest कर लिया। यानी जो प्लान विदेश में सेटल होने का था, वो एयरपोर्ट की arrival gate पर ही धराशायी हो गया।
अब दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जिसके बाद Goa Police ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले जाएगी।

एक आग, 25 मौतें और सिस्टम की लापरवाही

गोवा के ‘Burch by Romeo Lane’ Night Club में लगी आग ने न सिर्फ 25 लोगों की जान ली, बल्कि क्लब सेफ्टी, फायर एनओसी और प्रशासनिक निगरानी पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए। मरने वालों में ज्यादातर कर्मचारी थे, जो उस रात सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे थे।
यह हादसा नहीं, बल्कि negligence की live example बन गया।

Fire के बाद Flight क्यों?

हादसे के वक्त लूथरा ब्रदर्स दिल्ली में एक शादी अटेंड कर रहे थे। आग की खबर आई—और कुछ घंटों के अंदर टिकट बुक, बैग पैक और Thailand रवाना। यहीं से जांच एजेंसियों को साफ हो गया कि “Something is seriously wrong.”

Interpol, Blue Notice और Passport Cancel

भागने का रास्ता ज्यादा लंबा नहीं चला। भारत सरकार ने पासपोर्ट कैंसिल किया। Interpol के जरिए Blue Notice जारी कराया। और Indian Embassy ने मजबूरी में Emergency Travel Certificate जारी किया Thailand Police ने फुकेट में होटल की निगरानी शुरू की—और मौका मिलते ही गेम ओवर।

खाना लेने निकले और पुलिस ने ऑर्डर कैंसिल कर दिया

बताया जा रहा है कि दोनों भाई होटल से बाहर खाना लेने निकले थे। जैसे ही वे बाहर आए, Immigration और Police ने ID verify की और सीधे हिरासत में ले लिया। Thailand में छुट्टी का मूड था, लेकिन भारत में गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी।

जमानत का दांव भी फ्लॉप

गिरफ्तारी से पहले लूथरा ब्रदर्स ने Delhi की Rohini Court में interim bail की अर्जी डाली, लेकिन कोर्ट ने साफ कह दिया— “भागने वालों के लिए राहत नहीं होती।”
याचिका खारिज होते ही साफ हो गया कि अब जेल का रास्ता तय है।

Goa Police की स्पेशल टीम मैदान में

दोनों आरोपियों को कस्टडी में लेने के लिए Goa Police की 7-member टीम Delhi पहुंची, जिसमें एक IPS अधिकारी भी शामिल है।
मैसेज साफ है— यह मामला सिर्फ FIR नहीं, example बनेगा।

असली सवाल अब भी बाकी

अब सबसे बड़ा सवाल यही है— आग accidental थी या avoidable? Fire safety rules सिर्फ फाइलों में थे या जमीन पर भी? और क्या 25 मौतों की जवाबदेही तय होगी?

जांच जारी है, लेकिन इतना तय है कि यह केस Goa की nightlife पर एक permanent question mark छोड़ गया है।

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